पैनिक अटैक क्या होता है इसके कारण,लक्षण और घरेलू उपाय

आज की भाग दोड़ भरी जिंदगी मे लोगों  ने अपने स्वस्थय ज्यादा काम और पैसे को महत्व दे रखा है|अगर इनमे मे से किसी मे लॉस हो जाए तो पेनिक होने लगते है और किसी से बात नहीं करते है इसके अलावा पेनिक अटैक के और भी बहुत से कारण हो सकते है तो चलिए जानते है इन के बारे में|

पैनिक अटैक क्या होता है इसके कारण,लक्षण और घरेलू उपाय


पैनिक अटैक क्या है

पैनिक अटैक होता क्या है यह एक घबराहट का अटैक होता है तीव्र अटैक होता है| जो कि अगर हम लाइफ टाइम की बात करें तो 20 से 25 % लोगों को लाइफ में एक न एक बार पैनिक अटैक जरूर आता है| और अगर हम पैनिक डिसऑर्डर जो की एक बीमारी है उसकी बात करें तो 3 से 4 % लोगों को पैनिक डिसऑर्डर होता है मतलब या तो उनको मल्टीप्ल अटैक आते हैं| या फिर पैनिक अटैक के बाद उनको इसकी घबराहट यह इसका डर बैठ जाता है| दिमाग में जो की एक महीने से ज्यादा चलता है तो इसकी प्रॉब्लम्स 3 से 4% है|अटैक 20 से 25% लोगों को होता है तो आप अपनी लाइफ में कोई ना कोई ऐसा प्रश्न जरूर देखेंगे जिसको की पैनिक अटैक आया हुआ होगा|और अगर आपको इसके बारे में नॉलेज है तो आप उनको गाइड कर सकते हैं |और जिनको यह बीमारी ऑलरेडी है 3 से 4% पापुलेशन को वह पैनिक अटैक के बारे में सर्च करके यह वाला post देख रहे हैं तो उनके लिए भी यह post बहुत ही हेल्पफुल रहने वाला है

लक्षण और कारण

1. घबराहट होना

 अब समझना है होता क्या है पैनिक अटैक में मरीज को तीव्र घबराहट होती है| जो की 5 से 10 सेकंड के अंदर स्टार्ट होती है और 5 से 10 मिनट तक इसकी तीव्रता बढ़ती रहती है| उसका मुंह सूख जाता है सांस लेने में तकलीफ होती है उसको चोकिंग फीलिंग होती है उसको दिल की पल्पिटेशंस फुल होती है |कि मतलब दिल धड़क रहा है ऐसा उसको फील होता है और दिल की धड़कन बड़ी हुई फुल होती है साथ में उसको चेस्ट पेन भी होता है या चेस्ट में एक जकड़न की फीलिंग आती है |कुछ मरीजों को साथ में डिजीनेस होती है चक्कर जैसा महसूस होता है |

और बहुत सारे लोगों को ट्रिमर होते हैं बॉडी में कंपन आने लग जाते हैं उनका शरीर में गर्म ठंडा लगता है या ऐसा लगता है कि कांटे से चल रहे हैं|इस तरह की फीलिंग उनको आता है और मरीज को साथ में  ऐसा लगता है कि उनको बस हार्ट अटैक आ जाएगा और कार्डियक अटैक हो जाएगा| तो उनके साथ बहुत मेडिकल कॉम्प्लिकेशन हो सकती है या उनकी डेथ भी हो सकती है|ऐसा फील लगता है|

2. सांस लेने मे दिक्कत

कुछ मरीजों को ऐसा लगता है बस उनकी सांस ही रुक जाएगी कुछ मरीजों को डिजीनेस की वजह से ऐसा लगता है| कि उनको स्ट्रोक हो जाएगा तो इस तरह के बहुत ही मेडिकल सीरियस कंसीक्वेंसेस का पेशेंट को हर समय डर लगता है| और जो की रियल डर होता है क्योंकि पैनिक अटैक पेशेंट को इतना परेशान कर रहा होता है इसकी वजह से पेशेंट एक खुली जगह में चला जाता है| जिससे कि उसकी सांस प्रॉपर आना लगे कि उसको लगता है कि घुटन हो रही है तो सांस लेने चले जाते हैं खुली जगह में और बहुत सारे लोगों को इसकी की वजह से इमरजेंसी में भागते हैं|वैसे तो ये अटैक 30 से 60 मिनट तक चलते हैं तो पेशेंट अगर घर पर ही रिलैक्स हो जाते हैं तो यह टेक चले जाते हैं| या फिर वह इमरजेंसी जाते हैं तो उनका बीपी चेक किया जाता है उनका ब्लड शुगर लेवल चेक किया जाता है |

3. सीकिंग या बटरफ्लाई फील होना

एक किया जाता है वहां पर ऑक्सीजन सैचुरेशन देखा जाता है और पाया जाता है| कि सारे पैरामीटर नॉर्मल है और ऐसे में पेशेंट को कुछ को बटरफ्लाई फीलिंग भी हो रही होती है |पेट में सिंकिंग फीलिंग कुछ पेशेंट महसूस करते हैं| तो उन लोगों को एसिडिटी के इंजेक्शन लगाए जाते हैं| इमरजेंइमरजेंसी में  पैनिक अटैक के बारे में और पाया जाता है|कि कोई परेशानी नहीं है और इसी दौरान 30 से 60 मिनट गुजर जाते हैं और पेशेंट अपने आप रिकवर हो जाता हैं| कुछ इमरजेंसी पेशेंट को  एंटी एंजायटी मेडिसिन भी दे देते हैं| तो जो पैनिक अटैक होते हैं वह बहुत ही अनकंफरटेबल सिचुएशन होते हैं पेशेंट के लिए पेशेंट को लगता है| कि बहुत सीरियस अटैक है और उनकी जान को खतरा हो सकता है| इस तरह के अटैक के लिए लेकिन दोस्तों आपको यह समझना है कि पैनिक अटैक जानलेवा नहीं होते उससे आपको कोई भी मेडिकल कॉम्प्लिकेशन नहीं होने वाली कोई भी सीरियस कॉम्प्लिकेशन नहीं होने वाली यह केवल अटैक की वजह से घबराहट आपको हो रही है|उसे इस तरह का डर लगता है साथ में मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं क्योंकि पैनिक अटैक मोस्टली साइकोलॉजिकल होते हैं| तो अगर किसी को पैनिक अटैक आ रहा है तो उसको आपको लाइटली नहीं लेना है जो पेशेंट का डिस्कॉमफर्ट है वह रियल होता है हालांकि डेंजरस नहीं है| 

4. पैनिक अटैक vs हार्ट अटैक

 कुछ लोगों ने जिनको हार्ट अटैक या पैनिक अटैक दोनों आए हैं जिन्होंने महसूस किया है|उन लोगों ने बताया है कि उनको पैनिक अटैक में ज्यादा discomfort हुआ और हार्ट अटैक में उनका पैनिक अटैक के कंपैरिजन में काम dicomfort हुआ तो इसलिए मैं आपको बताना चाहता हूं कि पैनिक अटैक सीरियस नहीं है| लेकिन मरीज को परेशान बहुत करते हैं अब क्योंकि पैनिक अटैक में पेशेंट इतना परेशान हो जाता है तो उसको उसका ध्यान  लोगों को डेवलप हो जाता है| कि कहीं यह पैनिक अटैक आना चाहिए बिना किसी वजह भी पैनिक अटैक आ सकते हैं लेकिन जिस जगह पर पैनिक अटैक आता है वह महत्वपूर्ण हो जाता है 

5. फोविया

 जैसे मैंने देखा किसी को लिफ्ट में या भीड़ में या बंद जगह में पैनिक अटैक आता है |तो उनको इन जगहों से फोबिया हो जाता है| अगर कोई व्यक्ति अपने घर से दूर है  और जब पैनिक अटैक आया है तो उनकाे घर से दूर जाने में डर लगने लग जाता है|काफी लोगों को पैनिक अटैक से इतना डर लग जाता है कि वह घर से बाहर निकलना ही बंद कर देते हैं| कुछ लोगों को पैनिक अटैक से इतना डर बैठ जाता है कि वह अस्पताल के पास में ही रहना चाहते हैं| कुछ लोग डर की वजह से बीपी मशीन घर पर ले आते हैं बार-बार अपना बीपी चेक करते रहते हैं| बहुत सारे लोग पैनिक अटैक की डर की वजह से अपना शहर से दूर नहीं जाते उनको लगता है कि अगर वहां पैनिक अटैक आ गया तो वह क्या करेंगे| अगर फ्लाइट में पेनिक अटेक आ गया तो उनको फ्लाइट से फोबिया हो जाता है|तो इस तरह के जहां हमको पैनिक अटैक आता है इस सिचुएशन में पेशेंट को फोबिया डेवलप होने लग जाता है|तो अगर किसी को एक पैनिक अटैक आया तो उसकी केवल पैनिक अटैक बोलते हैं|और उसको फोबिया नहीं है कोई वह रिलैक्स से पेशेंट तो उनको कोई इंटरवेंशन की जरूरत नहीं होती क्योंकि उनको लाइफ टाइम में 1 पैनिक अटैक आया है और आप अगर यह post पड़ रहे हैं |तो मतलब आपको यह प्रॉब्लम परेशान कर रही है आपको मल्टीप्ल अटैक आए हैं| या आपकी फैमिली में कोई इसे अफेक्टेड है तो जिनको यह बीमारी होती है उनको या तो मल्टीप्ल अटैक्स आते हैं फ्रिक्वेंटली या उनका जो एंजायटी और फोबिया है| वह एक महीने से ज्यादा चल गया है तब उनको पैनिक डिसऑर्डर की बीमारी बोलते हैं| और यह बीमारी उनकी रूटिन लाइफस्टाइल को अफेक्ट कर रही होती है| जब इसको चल गया है तब उनको पैनिक डिसऑर्डर की बीमारी बोलते हैं | इसको बीमारी कहा जाता है और उसके लिए ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है



6. Heart की धड़कन तेज होना

 अब हम समझेंगे कि जब पैनिक अटैक आता है तो पेशेंट क्या करते हैं| तो जैसे हमने देखा कि पैनिक अटैक में दिल की धड़कन तेज हो जाती है चेस्ट में पेन होता है|तो काफी लोगों को या मरीजों को लगता है कि उनका दिल की कोई सीरियस बीमारी है|वह कार्डियोलॉजिस्ट के पास जाते हैं उनका एक एक टीएमटी काफी सारी टेस्टिंग होती है|कुछ लोगों की तो एंजियोग्राफी तक हो जाती है|और पाते हैं कि यह सारे टेस्ट नॉरमल आते हैं लेकिन पेशेंट फिर भी दिए संतुष्ट नहीं हो पाता क्योंकि पहले के टाइप में काफी लोगों को बेचेनी होती है| तो वह न्यूरोलॉजिस्ट के पास जाते हैं और उनकी एमआरआई सीटी स्कैन तक हो जाता है|उसमें कोई प्रॉब्लम कुछ लोगों को पैनिक अटैक से सांस में दिक्कत आती है| और जांच में कोई भी प्रॉब्लम नहीं मिलती| 

7. चाय, कॉफी तथा कोल्डड्रिंक का अधिक सेवन

लेकिन दोस्तों आपको यह समझना है अगर पैनिक डिसऑर्डर है तो यह बीमारी है|तो  साइकैटरिस्ट सबसे पहले मेडिकल चेकप जैसे कि ब्लड शुगर लेवल डायबिटीज को रूल आउट करने के लिए किया जाता है| या जो लोग ऑलरेडी डायबिटीज की दवा ले रहे हैं तो उनकी अगर ब्लड शुगर कम हो गई तब भी पैनिक अटैक आ जाता है| लोगों की हिमोग्लोबिन के लेवल को चेक किया जाता है अगर हीमोग्लोबिन कम आ गया तो वह भी एंजायटी या पैनिक अटैक क्रिएट कर सकता है |पेशेंट के लीवर के किडनी के भी टेस्ट कराए जाते हैं जिससे कि मेडिकल कॉलेज रूल आउट की जा सके अगर यह सारे टेस्ट नॉर्मल है| तो  फिर पेशेंट की लाइफस्टाइल के बारे में देखते हैं कि कहीं और वजह से तो पैनिक अटैक नहीं आ गया जैसे कि कुछ लोगों को एक्सेसिव कैफीन के इंटेक्स के बाद पैनिक अटैक आ जाता है |जैसे कि कैफीन होती है चाय में काफी में कोल्ड ड्रिंक में चॉकलेट में अगर पेशेंट एक ही दिन में या कम समय में इनका ज्यादा सेवन कर लेता है|तो उसकी वजह से भी पैनिक अटैक आ जाता है|और अगर ऐसा पेशेंट में है तो उनको इस बारे में जानकारी दी जा सकती है|जिससे कि उनके पैनिक अटैक बच सके काफी पेशेंट जो कोकीन लेते हैं |भांग गांजा से लोगों को अच्छे से दूर रहने की सलाह दी जाती है|जो लोग अल्कोहल का बहुत ज्यादा सेवन करते हैं जिनको एल्कोहल एडिक्शन की प्रॉब्लम है उनका डे एडिक्शन किया जाता है| जिससे कि पैनिक अटैक उनके रिड्यूस हो जाते हैं |अब किसी पेशेंट में अगर यह सारी चीज नहीं है तो अब ट्रीटमेंट में आगे बढ़ते हैं 

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8. बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेना

 पेशेंट की लाइफ में स्ट्रेस को कम करने के लिए कुछ कामों को डेलीगेट करना चाहिए जिससे की लाइफ में स्ट्रेस कम हो जाए सेम टाइम पेशेंट को उसकी कैपेसिटी कॉपिंग स्किल बढ़ाने के बारे में एडवाइस दी जाती है| जैसे कि पेशेंट अगर विधि एक्सरसाइज करेगा तो उसके रिलैक्सेशन लेवल बढ़ जाएंगे योग करेगा मेडिटेशन करेगा तो बॉडी का ओवरऑल रिलैक्सेशन लेवल बढ़ जाएगा कार्डियो एक्सरसाइज करने से पेशेंट का रिलेक्सन लेवल बढ़ जाती है |और इसके बाद पेशेंट की साइकोलॉजिकल इंटरवेंशन चालू की जाती है |

घरेलू उपाय 

1. ध्यान को परिवर्तित करना 

अगर नॉर्मल पेनिक अटेक आ रहा है तो आप अपने ध्यान को परिवर्तित कर सकते हैं किसी से बात कर सकते हैं|या किसी हल्के कम को कर सकते है और कुछ खा सकते है तो आप देखेंगे की कुछ ही समय में दैनिक काम होता चला जाएगा क्योंकि नॉर्मल पैनिक अटैक 10 से 20 मिनट तक रह सकता है|

2. ब्यायम करना

पैनिक अटैक आने पर आप साधारण हल्का व्यायाम कर सकते हैं जिससे मसल्स में रुधिर का प्रभाव सामान्य हो सके और यदि किसी भी पॉइंट पर पेन है तो उसमें राहत मिल सके इसके साथ-साथ कुछ ब्रीडिंग एक्सरसाइज अवश्य करें जैसे अनुलोम विलोम आदि|

3. रिलेक्स 

आपने अक्सर ही देखा होगा या महसूस किया होगा लड़ाई हो रही हो तो पैनिक होना एक आम बात है या किसी प्रकार का डर भी दैनिक का कारण बन सकता है|ऐसी स्थिति मे अपने आप को बिल्कुल शांत कर लें और बिल्कुल रिलेक्स होकर लेट जाये कुछ समय बाद ही घबराहट बंद हो जायेगी|

4. घूमना 

जब भी हल्का पेनिक अटेक महसूस हो तो अपने दोस्त साथ बातें करते हुए पर्यावरण का आनंद लेते हुए घूमने निकल जाये पेनिक में बहुत राहत मिलेगी|

5. बॉडी स्ट्रेंचिंग

कभी- कभी बॉडी किसी हिस्से या पार्ट में बहुत हल्का दर्द होता है लेकिन बह कुछ समय बाद अपने आप ही बंद हो जाता है|लेकिन फिर द्वारा होता है तो नियमित रूप से स्ट्रचिंग करें अवसय ही लाभ मिलेगा|

6. पानी पीना

जब भी आप पेनिक महसूस करें तो शांत बैठ जाए और हल्के हल्के एक एक घूट पानी पिये जिससे आपको बहुत ही राहत मिलेगी|

7. गैस को कंट्रोल करें

कभी कभी बॉडी मे गैस के कारण chest या chest के नीचे हल्की हल्की चुभन महसूस होती है जिसके कारण ब्यक्ति बहुत पेनिक हो जाता है इस स्थित मे गैस को कम करने के लिए हींग का पानी या antacid medicine le सकते है| आप देखेंगे कि गैस कम होने पर पेनिक होना बंद हो जायेगा|


Conclusion

लेकिन दोस्तों आपको यह समझना है अगर पैनिक डिसऑर्डर है तो यह बीमारी है जिसके लिए प्रॉपर ट्रीटमेंट की जरूरत होती है और यह केवल पॉजिटिव सोचने से नहीं जाएगा तो ऐसे में मरीज को क्या करना चाहिए|आप doctor से परामर्श अवश्य ले|क्योकि सही समय पर इलाज होने ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है|स्वस्थ जीवन के लिए अच्छा भोजन और ब्यायाम अवश्य करें|


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FAQ

Q. पैनिक अटैक , चेक करें?

Ans. उल्टी जैसा फील, चक्कर आना, धड़कन का तेज होना

Q. क्या पैनिक अटेक से डेथ हो सकती है? 

Ans. नहीं

Q. पेनिक अटेक कितनी देर मे ठीक हो जाता है|

Ans. 10 से 20 मिनट में

Q. क्या बिना दवाई के पैनिक अटेक ठीक हो सकता है? 

Ans. हो सकता है



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