थायराइड एकबहुत ही बड़ा प्रॉब्लम है अगर हम स्टैटिसटिक्स की बात करें तो पूरी दुनिया में करीब 12% लोग ऐसे हैं जो कि इस प्रॉब्लम से पीड़ित है लेकिन प्रॉब्लम यह है| कि ज्यादातर इसमें से वो लोग होते हैं| जिनको इनिशियल स्टेज में इस बात का अंदाजा ही नहीं होता है|कि उनके अंदर थायराइड हार्मोन की कमी हो रही है ऐसे में बहुत ही इंपॉर्टेंट है| कि हम इन लक्षणों को समझ ले ताकि समय रहते हम अगर इस तरह की कोई प्रॉब्लम हमारे साथ होने वाली होती है| तो उसको समझा जाए और सही समय पर उसका इलाज भी कर सके तो चलिए दोस्तों बिना किसी देरी के इस आर्टिकल को शुरू करते हैं| जहां मैं आपको बताने वाला हूं 10 ऐसे साइन एंड सिंप्टोम्स जो कि आपके अंदर थायराइड हार्मोन की कमी की तरफ इशारा करते हैं |यह सबसे कॉमनली पाया जाता है उन लोगों के अंदर जिनके अंदर थायराइड हार्मोन की कमी होती है यानी ऐसे लोग हर टाइम है जो की इशारा करते हैं कि भाई आपके अंदर जो थायराइड हार्मोन है वह कम बन रहा है लेकिन जो थायराइड हार्मोन होता है| यह हमारी बॉडी के अंदर एनर्जी को बैलेंस करने का कम करता है अगर इसकी कमी होती है|तो उसकी वजह से हमारा जो एनर्जी बैलेंस है वह बिगड़ जाता है |और इस तरह के सिमटेम समय देखने को मिलते हैं |वैसे तो देखिए कमजोरी या थकापन या सुस्ती या ज्यादा नींद आना यह और भी बहुत सारी बीमारी में आपको मिल सकता है |लेकिन अगर आपको कोई एक्सप्लेन नहीं मिल रहा है |अगर आपके अंदर और कोई ऐसी प्रॉब्लम नहीं है आप नहीं समझ पा रहे है |किस कारण से आपको यह हो रहा है तो यह इशारा करता है| कि आपके अंदर थायराइड हार्मोन की कमी हो सकती है| दूसरा सबसे बड़ा लक्षण जो की अंदर एक्टिव थायराइड ग्रंथि की तरफ इशारा करता है हाइपोथायरायडिज्म की तरह विचार करता है वह है| अनएक्सपेक्टेड वेट गैन अगर आपका वेट जो है| वह अनएक्सपेक्टेड बढ़ता जा रहा है|
विषय सूची
थायराइड बीमारी क्या है?
थायराइड बीमार के प्रकार|
थायराइड बीमारी के लक्षण|
थायराइड बीमारी के घरेलू उपचार|
थायराइड बीमारी मे क्या खाना चाहिए|
थायराइड बीमारी मे क्या नहीं खाना चाहिए
Conclusion
FAQ
थायराइड बीमारी क्या है
थायराइड ग्रंथि गार्डन के अंदर सामने स्थित होती है जो नलिका विहीन ग्रंथि है यह थायराइड हार्मोन का निर्माण करती है यह एक आम बीमारी है| जो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक होती है थायराइड ग्रंथि मेटाबॉलिज्म नियंत्रित करने वाले हार्मोन का निर्माण करती है| थायराइड ग्रंथि जब खराब होती है जब यह बहुत छोटी यहां बहुत बड़ी हो जाती है| यह रोग नमक के ज्यादा सेवन या कम सेवन से भी उत्पन्न हो सकता है इसके अलावा अन्य कारण भी हो सकते हैं |जैसे अनुवांशिकता यहां ऑथराइज्ड कैंसर आदि आपने देखा होगा कि किसी - किसी का गला बहुत बड़ा दिखता है| इसका मतलब यह हो सकता है कि उसकी थायराइड ग्रंथि में वृद्धि हो गई है इसे घेंघा रोग कहते है|
थायराइड बीमारी के प्रकार
• हाईपोथाइरॉएडिज्म
हाईपोथाइरॉएडिज्म तब होता है जब हमारी थायराइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन का सेक्रेशन बहुत कम मात्रा में करती है|
• हाइपरथाइरॉयडिज़्म
हाइपर थाइरॉएडिज्म तब होता है जब हमारी थायराइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन का सेक्रेशन बहुत अधिक मात्रा में करती है|
• थायराइड कैंसर
थायराइड कैंसर तब होता है जब thyroid कोशिकायों की असमन्य वृद्धि होती है थायराइड कैंसर समान्य तोर पर बहुत हल्की गति से बड़ता है|
थायराइड बीमारी के लक्षण
1. नींद, सुस्ती, कमजोरी का अधिक होना
दोस्त रहते हैं हर टाइम उन्हें नींद आती रहती है| आलस आता रहता है यह कुछ एक ऐसे लक्षण है |जो की इशारा करते हैं कि भाई आपके अंदर जो थायराइड हार्मोन है|वह कम बर्न हो रहा है लेकिन जो थायराइड हार्मोन होता है| यह हमारी बॉडी के अंदर एनर्जी को बैलेंस करने का काम करता है तो अगर इसकी कमी होती है|तो उसकी वजह से हमारा जो एनर्जी बैलेंस है वह बिगड़ जाता है|और इस तरह के सिमटेम समय देखने को मिलते हैं| वैसे तो देखिए कमजोरी या थकापन या सस्ती या ज्यादा नींद आना यह और भी बहुत सारी डिजीज में आपको मिल सकता है|लेकिन अगर आपको कोई एक्सप्लेन नहीं मिल रहा है अगर आपके अंदर और कोई ऐसी प्रॉब्लम नहीं है आप नहीं समझ पा रही है| किस कारण से आपको यह हो रहा है तो यह इशारा करता है|कि आपके अंदर थायराइड हार्मोन की कमी हो सकती है|
2. बजन का बहुत अधिक बढ़ना
दूसरा सबसे बड़ा लक्षण जो की अंदर एक्टिव थायराइड ग्रंथि की तरफ इशारा करता है|हाइपोथायरायडिज्म की तरह विचार करता है|वह है अनएक्सपेक्टेड वेट गेन अगर आपका वेट जो है वह अनएक्सपेक्टेड बढ़ता जा रहा है|बिना किसी वजह के तो यह भी एक लक्षण हो सकता है एक इशारा हो सकता है| कि आपके अंदर थायराइड हार्मोन की कमी हो रही है|देखिए जो थायराइड हार्मोन होता है यह हमारी बॉडी के अंदर जो एनर्जी लेवल होते हैं| वह मेंटेन करता है अगर थायराइड हार्मोन की कमी हो जाती है तो उसकी वजह से हमारा जो बेसल मेटाबॉलिक रेट होता है यानी वह मेटाबॉलिज्म जो रेस्ट के टाइम पर होता है|यानी रेस्ट के टाइम पर हम जितनी एनर्जी बर्न करते हैं हमारी बॉडी जितनी कैलोरीज बर्न करती है उसको बोलते हैं |बेसल मेटाबॉलिक रेट अगर आपके अंदर थायराइड हार्मोन कम हो जाता है| तो यह बीएमआरबी कम हो जाता है और उसकी वजह से हमारी जो बॉडी है वह कैलोरीज को कम बर्न करती है जो खाना हम खाते हैं| उसमें से जो कैलोरीज हमें मिलती हैं उन कैलोरीज को हमारी जो बॉडी है वह स्टोर करना शुरू कर देती है फैट की शक्ल में जमा हो जाता है और इसकी वजह से जो हमारा मोटापा है| वह बढ़ाना शुरू हो जाता है स्पेशली जो इसका एक पैटर्न होता है|उसे पैटर्न के अंदर आपको पेशेंट के अंदर आंखों के नीचे भारीपन या स्पेशली जब सुबह सोकर उठते हैं तो उस टाइम मुंह के ऊपर भारीपन या सूजन महसूस होती है| हाथ जो है वह काफी मोटे-मोटे हो जाते हैं यह कुछ ऐसे लक्षण है जो की इशारा करते हैं| हाइपोथायरायडिज्म की तरफ जिसकी तरफ आपको ध्यान देना चाहिए|और अगर ऐसा कुछ आपको महसूस हो रहा तो doctor से जरूर परामर्श लेना चाहिए|
Read More:किडनी मे होने वाले रोग और स्वस् रखने के घरेलू उपाय
3. ठंड का लगना
तीसरा लक्षण यह होता है कि आपको ठंड जो है वह जरूरत से ज्यादा लगने शुरू हो जाती है| अगर आपको पहले ज्यादा ठंड नहीं लगती थी और अब अचानक से सर्दी के मौसम में या किसी ठंडी जगह पर आपको असहनिए ठंड का एहसास होता है तो यह भी एक लक्षण है |एक सिंपटम है जो की इशारा करता है कि शायद आपका जो थायराइड हार्मोन है वह कम बर्न हो रहा है| लेकिन जैसा कि मैं आपको अभी तक बताया कि जो थायराइड हार्मोन होता है यह हमारी बॉडी के अंदर जो मेटाबॉलिज्म है उसको मेंटेन करने का काम करता है| कैलोरीज को बर्न करने का काम करता है तो अगर हमारी बॉडी के अंदर थायराइड हार्मोन की कमी हो जाती है| तो उसकी वजह से हमारी बॉडी में जो कैलोरीज है वह कम बर्न होती है| और जब कैलोरीज कम बर्न होगी तो हमारी बॉडी कम ही जनरेट करेगी इसको आप ऐसे समझिए कि अगर आप मान लीजिए वर्कआउट करते हैं| या भागते दौड़ते हैं तो उसे हम आपको बहुत ज्यादा गर्मी लगने शुरू हो जाती है यह गर्मी इसीलिए लगती है क्योंकि उसे टाइम आपकी बॉडी जो है वह ज्यादा हिट जनरेट कर रही है ज्यादा कैलोरीज को बन कर रही है बट हाइपोथायरायडिज्म के केस में ऐसा नहीं होता है |आपकी जो बॉडी है वह कम कैलोरीज को बर्न करती है ज्यादा कैलोरीज को स्टोर करना शुरू कर देती है तो इसकी वजह से आपको ठंड के एहसास ज्यादा होता है|
4. जॉइंट या मसल्स
ज्वाइंट मे दर्द या मसल्स दर्द अधिक है हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है तो उसकी वजह से हमारी बॉडी में कैटाबॉलिक एक्टिविटी बढ़ जाती है| कि हमारी बॉडी अपने ही टिशूज को ब्रेकडाउन करके उसके एनर्जी के तौर पर उसको उसे करना शुरू कर देती है| इसे बोलते हैं कैटाबॉलिक एक्टिविटी अब होता क्या है कि अगर आपके अंदर थायराइड हार्मोन कम हो जाता है तो यह कैटाबॉलिक एक्टिविटी आपकी मसल्स को और टिशूज को ब्रेकडाउन करना शुरू कर देती है| इसकी वजह से आपकी जो मसल्स है वह कमजोर होने लगती है| आपके जॉइंट्स पर प्रेशर बढ़ने लगता है आपकी मसल्स के अंदर क्रैंप्स ज्यादा आने लगते हैं| दर्द रहने लगता है आपको थोड़ा बहुत चलने से भी पेन हो जाता है या थोड़ा बहुत आप देर खड़े रहे तो आपकी जो है|टांगे वह भरती जाती है दर्द होने लगता है इस तरह की एक्सप्लेन पेन और वीकनेस अगर जॉइंट्स में आपको महसूस हो रही है तो यह भी एक इशारा होता है कि आपके अंदर हाइपोथायरायडिज्म की शिकायत हो सकती है|
5. बालों गिरना
दोस्तों थायराइड हार्मोन की कमी की वजह से हमारे जो हेयर फॉलिकल्स होते हैं उनके अंदर ग्रोथ होनी है| वह रुक जाती है वह रीजेनरेट होने बंद हो जाते हैं|और उसकी वजह से हमारे अंदर बाल्डनेस की शिकायत आने लगती है हमारे बाल झड़ने लगते हैं गंजा बनाना शुरू हो जाता है| यह भी एक बहुत बड़ा सिंपटम है हाइपोथायरायडिज्म के केस में और अगर इस तरह का सिंपटम आपको नजर आ रहा है| अगर आपको कोई रीज़न समझ में नहीं आ रहा है|कि आपके बाल क्यों झड़ रहे हैं अच्छा एक चीज और यहां मैं आपको बताना चाहूंगा कि अगर आपको हाइपोथायरायडिज्म की वजह से बाल गिरते हैं| और बाल गिरने के बाद आपकी जो बचे हुए बाल हैं| वह काफी ब्रिटल होने लगते हैं यानी सख्त होने लगते हैं सूखे सूखे रुखे से होने लगते हैं | अगर इस तरह का पैटर्न आपको देखने को मिल रहा है| तो यह तो क्लियर पर साइन होता है कि आपके अंदर हाइपोथायरायडिज्म है पर इसके अलावा भी अगर इस तरह की शिकायत आपको नहीं दिख रही है सिर्फ हेयर फॉल हो रहा है या थिनिंग का हेयर आपको दिख रहा है| यानी आपके जो बाल है वह पतले होते जा रहे हैं|हल्के होते जा रहे हैं तो यह एक लक्षण होता है जो इशारा करता है| हाइपोथायरायडिज्म की तरह हाइपोथायरायडिज्म होता है|
6. ड्राई स्किन और खुजली
उन लोगों की स्किन अक्सर जो है |वह ड्राई होती है और उसमें खुजली काफी ज्यादा होने लगती है वैसे तो ड्राई स्किन होना एक काम बात है| सर्दी के मौसम में भी ड्राई स्किन हो जाती है या आपकी स्क्रीन के अंदर इचिंग होना भी एक बहुत बड़ा सिंपटम है|जो की अलग-अलग तरह की दूसरी बीमारी में भी हो सकता है| लेकिन अगर अभी तक जितने भी लक्षण मैंने आपको बताया उन लक्षणों के साथ आपको ड्राई स्किन और इसी स्किन महसूस हो रही है खुजली महसूस हो रही है तो यह एक इशारा है |जो कि आपको बताता है कि आपका थायराइड ग्रंथि कम हो रहा है और आपको हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है|
7. मैमोरी एवं डिप्रेशन
यह दोनों बहुत छोटे-छोटे पॉइंट है इन्हे अलग-अलग बताने से कोई फायदा नहीं है| तो पहली चीज तो यह कि आप अगर हाइपोथाइरॉएड के पेशेंट होते हैं तो आपके अंदर डिप्रेशन होना शुरू हो जाता है हाइपोथायरायडिज्म जो है |यह लिंक होता है डिप्रेशन के साथ एक्जेक्टली क्या रिलेशन है किस तरह से हाइपोथाइरॉएड के पेशेंट के अंदर डिप्रेशन आना शुरू होता है यह अभी तक अनक्लियर है|कुछ इसका अभी साइंटिफिकली पता नहीं लगा है|पर प्रैक्टिकल क्लीनिक के लिए देखा गया है कि जिन लोगों को हाइपोथायरायडिज्म होता है| वह लोग ज्यादा तर डिप्रेशन मे होते है इसके साथ-साथ दूसरा जो सिमटेम है जो की बहुत कॉमनली देख जाता है| वह यह कि अगर आपके अंदर थायराइड हार्मोन कम बर्न हो रहा है| तो उसकी वजह से आपके अंदर मेंटल फॉर्मनेस महसूस होती है आपको चीजों को कंसंट्रेट करने में प्रॉब्लम होती है आपकी मेमोरी वीक होनी शुरू हो जाती है| यानी आप कह सकते हैं| कि आपका जो ब्रेन है जो मन है आपको वह ऐसा लगता है|जैसे उसमें धुआं भरा हुआ है आपको कुछ याद नहीं रहता है किसी चीज के बारे में कंसंट्रेट नहीं कर पाते हैं| और कुछ भी चीज कहीं रखकर भूल गए या कहीं जाना था| तो जा नहीं पाए या फिर किसी के नाम भूल गए इस तरह की जो छोटी-छोटी चीज हैं यह आपके साथ होने शुरू हो जाती है| क्योंकि आपकी जो मेमोरी है वह कमजोर होने लगती है| हाइपोथायरायडिज्म मे ये हो सकते है|
8. कब्ज का होना
हाइपोथायरायडिज्म के केस में आपके अंदर हो सकता है | कब्ज (constipetion) वैसे यह कब्ज का जो लक्षण है| यह हाइपोथायरायडिज्म के केस में बहुत ज्यादा सिग्निफिकेंट नहीं है पर उसके लिए देखा गया है| कि बहुत सारे पेशेंट जिनके अंदर थायराइड हार्मोन कम होता है|उनके अंदर कांसेपशियन डेवलप होना शुरू हो जाता है| तो अगर से तो इशारा नहीं करता कि आपके अंदर हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है| बट अगर बाकी दूसरे लक्षणों के साथ आपको कांसेपशियन भी फील हो रहा है| तो यह कहीं ना कहीं एक क्लेरिटी प्रोवाइड करता है| आपको कि आपके अंदर भाई जो थायराइड हार्मोन है| वह अंदर एक्टिव है आपका थायराइड ग्रंथि काम काम कर रहा है|
9. पीरियड चक्र
लास्ट पॉइंट में आपको बताना चाहूंगा हाइपोथायरायडिज्म के केस में वह है| इरेगुलर पीरियड या फिर हैवी ब्लीडिंग पॉइंट है| यह स्पेसिफिकली है| लड़की के लिए या महिलाओं के लिए तो अगर आपको बहुत ज्यादा इरेगुलर पीरियड हो रहे हैं| आपकी जो साइकिल हर टाइम डिस्टर्ब रहती है या फिर अगर जो बिल्डिंग होती है ड्यूरिंग मेंसेज वह बहुत हैवी होती है| तो यह दोनों ही चीज इशारा करते हैं| कि हो सकता है आपका जो थायराइड ग्रंथि है| वह अंदर एक्टिव हो दोस्तों जो थायराइड हार्मोन होता है| हमारा यह हमारी बॉडी में अलग-अलग हारमोंस को जनरेट करने के लिए पैदा करने के लिए भी रिस्पांसिबल होता है| और अलग-अलग तरह के हार्मोन से इंटर connect करके हमारी लेडिस की जो मेंस्ट्रूअल साइकिल होती है उसको भी रेगुलेट करने का काम करता है| तो अगर कोई डिस्टरबेंस आ जाता है| हार्मोन के अंदर इस थायराइड हार्मोन के अंदर तो उसकी वजह से इरेगुलर मेंस होना या हैवी ब्लीडिंग होना मेंस के दौरान एक बहुत ही आम लक्षण पाया जाता है लेडिस के अंदर तो दोस्तों यह थे वह 10 लक्षण जो की अंदर एक्टिव थायराइड ग्रंथि की तरफ इशारा करते हैं| और आपको बताते हैं|कि आपके अंदर हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है|
थायराइड बीमारी के घरेलू उपचार
हल्दी
हल्दी थायराइड की सूजन को कम करने में मददगार साबित हो सकती है|क्योंकि इसमें मकर्युमिन एलिमेंट होता है यह बॉडी की सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है हल्दी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुड पाए जाते हैं|जिस वजह से सूजन से परेशान थायराइड के मरीजों के लिए इसका सेवन काफी लाभदायक हो सकता है|एंटीबायोटिक गुड़ के कारण इसके इस्तेमाल से संक्रमण का खतरा भी काम होता है हल्दी के प्रयोग से थायराइड ग्रंथि में छोटी-छोटी गांठे जिन्हें नूडल्स कहा जाता है वह धीरे-धीरे छोटे होने लगते हैं|
• इसका सेवन दूध में मिलाकर कर सकते है|
• सब्जी के साथ प्रयोग कर सकते हैं|
• हल्दी की चाय बनाकर प्रयोग कर सकते हैं|
आयोडीन
आयोडीन की कमी के कारण थायराइड ग्रंथि सामान्य से अधिक बढ़ सकती है| क्योंकी पर्याप्त आयोडीन ना होने पर इसको अधिक थायराइड हार्मोन का सेक्रेशन करना पड़ता है| जिसके कारण यह ज्यादा बढ़ जाती है|और गोइटर नामक रोग हो जाता है |आयोडीन की कमी के कारण हाइपो थाइरॉएडिज्म रोग हो सकता है|
• हमें उच्च आयोडीन वाले नमक का प्रयोग करना चाहिए|
• आयोडीन 131 का प्रयोग थायराइड कैंसर के लिए किया जाता है|
तुलसी
तुलसी थायराइड की समस्या में एक प्राकृतिक औषधि के रूप में काम करती है|यह थायराइड हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती है| तथा गले की तकलीफ को आराम देने में बहुत ही लाभदायक है|थायराइड में अक्सर गले में सूजन हो जाती है| तुलसी की पत्तियों को चबाने से यह तुलसी का पानी पीने से गले में बहुत ही आराम मिलता है|इसके अलावा यह तनाव को काम करती है तथा प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है| और मेटाबॉलिज्म सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है|
• रोज 4 से 5 तुलसी की पत्तियां खाली पेट चबाने से काफी आराम मिलता है
• तुलसी के रस को शहर में मिलाकर पीने से थाइरॉएडिज्म में फायदा मिल सकता है
• तुलसी की पत्तियों को चाय में डालकर भी इसका सेवन कर सकते हैं
अदरक
अदरक में एंटी इन्फ्लेमेटरी अच्छा पाए जाते हैं जो जो सूजन को काम करते हैं और इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण थायराइड को फ्री रेडिकल से बचते हैं इसके अलावा अदरक हमारे गले की खराश को भी काफी हद तक सही करने में बहुत ही लाभदायक माना गया है
• अदरक का सुबह चाय में डालकर कर सकते हैं
• अदरक का जूस निकाल कर भी पी सकते हैं
अल्सी के बीज
वैसे तो अलसी को सुपर फूड माना जाता है क्योंकि इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड एवं फाइबर तथा प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं यह कई तरीकों से प्रयोग किया जा सकता है ओमेगा 3 फैटी एसिड सूजन को कम करने में मदद करता है क्योंकि थायराइड की सूजन कम होने में मदद मिलती है और यह हार्मोन के संतुलन को बनाने में मदद करता है थायराइड की वजह से बढ़ते वजन को कंट्रोल करने में काफी मदद कर सकता है
• अलसी के बीज को बारीक पीसकर शुभ है गर्म पानी या गुनगुने दूध के साथ ले सकते हैं
• इसे खाने में तेल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है
योगा And व्यायाम
• भुजंगासन
• सर्वांगासन
• नवासना
• हलासन
• सूर्य नमस्कार
• तेज चलना
• तेरा किया साइकिलिंग
• बॉडी स्ट्रैचिंग आदि
थायराइड बीमारी मे क्या खाना चाहिए|
1. आयोडीन युक्त पदार्थ खाने चाहिए|
जैसे नमक झींगा मछली समुद्री मछली समुद्री शैवाल आदि|
2. जिंक वाले फूड्स खाने चाहिए|
जैसे काजू कद्दू के बीज दाल आदि|
3. प्रोटीन से भरपूर चीज खानी चाहिए|
जैसे दाल चना राजमा एवं दूध दही पनीर अंडे और मछली आदि|
4. सैचुरेटेड फैट वाली चीज खानी चाहिए|
जैसे ओलिव ऑयल चिया सीड्स तथा अलसी के बीज
5. सब्जियों व फल
जैसे शकरकंद गाजर चुकंदर पालक सेब संतरा पपीता और केला आदि|
थायराइड बीमारी मे क्या नहीं खाना चाहिए
1. ज्यादा चीनी और मैदा नहीं खाना चाहिए|
जैसे मिठाइयां सफेद ब्रेड बिस्कुट केक आदि|
2. गोइट्रोजेनिक फूड्स का काम सेवन करना चाहिए|
जैसे फूलगोभी बंद गोभी ब्रोकली सोया शलजम एवं बाजार आदि|
3. ज्यादा जंक फूड का सेवन नहीं करना चाहिए
जैसे कोल्ड ड्रिंक और शुगर ड्रिंक फास्ट फूड जैसे पिज्जा बर्गर और पैकेट वाली स्नेक्स आदि|
4. बहुत अधिक चाय तथा कॉफी का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि यह दावों के असर को बहुत कम कर देती है|
Conclusion
थायराइड एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में जानना या जागरूक होना बहुत आवश्यक है| अगर आपको थायराइड के लक्षण जैसे भजन में बदलाव घबराहट थकान बालों का झड़ना आदि महसूस हो रही है|तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें सही समय पर इलाज आपको स्वस्थ एवं ऊर्जावान बनाने में मदद कर सकता है| इसके साथ ही संतुलित आहार लेना तथा नियमित व्यायाम करना आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं|
अगर आपको यह लेख उपयोगी लगा
तो अपने दोस्तों, परिवारों तक शेयर करें ताकि thyroid के बारे मे जान सके|
अगर इससे रिलेटेड कोई सवाल हो तो comment करें
FAQ
Q. थायराइड बीमारी क्यों होता है?
Ans. हार्मोन की गड़बड़ी के कारण
Q. थायराइड के लिए सुबह खाली पेट क्या पीना चाहिए?
Ans. नींबू और शहद गुनगुने पानी में मिलाकर पीना चाहिए
Q. थायराइड का दर्द कहां होता है?
Ans. गले के सामने
Q. थायराइड में चावल खा सकते हैं क्या?
Ans. हां परंतु सीमित मात्रा में
Q. थायराइड किसकी कमी से होता है|
Ans. आयोडीन की कमी से

