बेहतर स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए किडनी से संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए किडनी की देखभाल करना बहुत ही आवश्यक है| किडनी हमारे शरीर का जरूरी अंग है| जो खून को शुद्ध करने तथा अपशिष्ट पदार्थ को बाहर निकलने में मदद करता है| आजकल की लाइफ स्टाइल के कारण भी किडनी में अनेक समस्याएं हो सकती हैं| क्योंकि अल्कोहल का सेवन करना जंक फूड खाना आदि आदि पदार्थ के ज्यादा सेवन से हमारी किडनी को क्षति पहुंचती है |तो चलिए जानते हैं |की किडनी की समस्या से कैसे बचा जाए |
विषय सूची
• किडनी की देखभाल करना क्यों जरूरी है
• बॉडी में किडनी के क्या-क्या कार्य होते हैं
• किडनी की कुछ समस्याएं
• किडनी को स्वस्थ रखना और रोगों से बचने के लिए घरेलू उपाय
• Conclusion
• FAQ
• किडनी की देखभाल करना क्यों जरूरी है|
किडनी की देखभाल करना इसलिए जरूरी है| क्योंकि किडनी हमारे बॉडी में फिल्ट्रेशन का कार्य करती है |और यह अपशिष्ट जहरीले पदार्थ को हमारी बॉडी से डिटॉक्स यानी बाहर निकलती है| इससे हमारे अंगों को सुरक्षा मिलती है| क्योंकि विशाख पदार्थ रहने पर वह रुधिर के माध्यम से हमारी बॉडी के हर एक अंग तक पहुंचता है |और वह हमारे अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है |इसलिए किडनी की देखभाल करना बहुत जरूरी है| नहीं तो उच्च रक्तचाप हार्ट डिजीज सुजान आदि रोग होने की संभावना रहती है| जब एक समय ऐसा आता है कि किडनी रुधिर को साफ करना बंद कर देती है तो हमे अलग से Dialysis मशीनों द्वारा blood को साफ करवाना पड़ता है वो भी महीने में 3 से 4 बार इसका खर्चा काफी आता है इसे आम इंसान कब तक करबा सकता है|ये आप खुद सोच सकते है इसलिए किडनी को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है|
• किडनी के कार्य
1. बॉडी से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकलना
किडनी के द्वारा खून में उपस्थित अशुद्धियां बाहर निकलते हैं| इसके बाद जो शुद्ध रक्त बचता है |उसे बॉडी के द्वारा शरीर के हर एक अंग तक पहुंचाया जाता है |इन अपशिष्ट पदार्थ में मुख्य रूप से यूरिया क्रिएटिनिन और अन्य हानिकारक टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकलते हैं|
2• नमक और पानी का संतुलन
किडनी सोडियम और पोटेशियम जैसे खनिजों को संतुलन बनाएं रखने में मदद करती है |इन खनिजों का संतुलन बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पीना चाहिए |तथा नमक का काम सेवन करना चाहिए| जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या ना हो उच्च रक्तचाप होने पर गुर्दे पर दबाव पड़ता है|
3. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना
किडनी द्वारा ऐरिथ्रोपोइटिंन और रेनिन नमक हार्मोन निकलते हैं| यह हार्मोन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं |तथा कोशिकाओं की संख्या में भी वृद्धि करते हैं|
4. RBC का निर्माण
किडनी द्वारा एक इरिथ्रोपोटीन नामक हार्मोन रिलीज होता है| जो अस्थि मज्जा को रेड ब्लड सेल बनाने का संकेत देता है| किडनी डायरेक्टली आरबीसी का निर्माण नहीं करते है| जब हमारे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है |तब किडनी इरिथ्रोपोटीन हार्मोन जारी करता है |जिससे अस्थि मज्जा में नई आरबीसी का निर्माण होना प्रारंभ हो जाता है|
5. हड्डियों के मजबूती मैं सहायक
किडनी विटामिन कामा फास्फोरस और कैल्शियम की मात्रा को संतुलन बनाने में सहायता करती हैं |और हड्डियों को मजबूत बनाते हैं क्योंकि किडनी विटामिन दी को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं |जो हाथों से कैल्शियम को अवशोषित करने और स्वस्थ हड्डियों के निर्माण के लिए आवश्यक है |जब क्रॉनिक किडनी नामक रोग हो जाता है| तब हड्डियों में दर्द या असमानता होने लगती है |इसकी पहचान रोग होने पर ही होती है यह एक जटिल बीमारी है |यह बीमारी होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले और अपने घर पर ही विटामिन डी और कैल्सियम का संतुलन बनाए रखने वाले आहार ले|
6. बीमारियों से बचाव
किडनी के सही तरीके से काम न करने पर शरीर में अनेक बीमारियां हो सकती हैं |क्योंकि किडनी ही रुधिर को फिल्टर करती है |और वह रक्त हमारे शरीर के हर एक अंग तक पहुंचता है |किडनी सही से कम न करने पर निम्न रोग हो सकते हैं |जैसे ब्लड प्रेशर डायबिटीज हार्ट डिजीज और किडनी फेल होने का खतरा बढ़ जाता है|
• किडनी की समस्याएं
1. किडनी संक्रमण
किडनी संक्रमण को पयलोनेफ्राइटिस भी कहते हैं |किडनी संक्रमण में सबसे पहले मूत्र मार्ग में संक्रमण होता है |और इससे मूत्राशय नाली में सूजन हो जाती है |और यह संक्रमण धीरे-धीरे मूत्र मार्ग से होते हुए दोनों किडनी तक पहुंच जाता है| इसका सही समय पर इलाज न करने पर गुर्दों को यह बैक्टीरिया काफी नुकसान पहुंच सकते हैं|
2. किडनी स्टोन
किडनी की पथरी कठोर या कंकर जैसे पदार्थ के टुकड़े होते हैं| यह पाठ री एक या दोनों किडनी में वन शक्ति है|समानता किडनी स्टोन कैल्शियम ऑक्सलेट की अधिक मात्रा के कारण बनती हैं|इन स्टोन के होने से कभी-कभी आसहनी दर्द हो सकता है|अगर पथरी का साइज छोटा है तो इन्हे दवाइयां के द्वारा पेशाब के रास्ते बाहर निकाला जा सकता है|अगर यह ज्यादा बड़ी हो जाती हैं|तो ऑपरेशन भी करना पड़ सकता है इसलिए अगर पथरी छोटी है| तो इसका इलाज अवश्य करें ताकि यह ज्यादा बड़ी ना हो सके और इन्हे आसानी से निकाला जा सके|
3. किडनी फेलियर
किडनी फेलियर का मतलब है की किडनी रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को छानने में काम सक्षम या सक्षम नहीं रहती है| जिसके कारण शरीर में विशाख पदार्थ और अपशिष्ट उत्पाद जमा हो जाते हैं| जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती हैं| किडनी फेलियर अलग-अलग तरह से हो सकती है जैसे यदि किडनी की क्षति कम हुई है |तो वह हल्के-हल्के काम करती रहेगी और यदि किडनी की क्षति ज्यादा हुई है|तो वह एक समय पर आकर काम करना बिल्कुल बंद कर दे|
4. क्रॉनिक किडनी रोग
यह एक आम बीमारी है जो उम्र के बढ़ने के साथ हो सकती है किडनी रोग होने पर कभी-कभी गुर्दे पूरी तरह से काम करना बंद कर सकते हैं|
इस रोग में किडनी रक्त को पूर्ण रूप से फिल्टर नहीं कर पाते हैं|समय समय के साथ-साथ किडनी की कार्य क्षमता कम होने लगती है|
5. नेफ्रोटिक सिंड्रोम
नेफ्रोटिक सिंड्रोम का मुख्य कारण ग्लोमेरुली के रक्त फिल्टर को नुकसान पहुंचना है|इन फिल्टरों के खराब होने से हमारे बॉडी मे बना अलव्युमिन प्रोटिन मूत्र द्वारा बहार निकलने लगता है|स्वस्थ गुर्दे में ग्लौमेरुली अपशिष्ट तथा जहरीले उत्पादों को छान कर बाहर निकाल देते हैं |और आवश्यक प्रोटीन तथा पदार्थों को शरीर के अंदर ही रहने देते है| जो आपकी बॉडी को ऊर्जा वहां बनाते हैं|
6. पेशाब नली में संक्रमण
पेशाब की नली में संक्रमण होने पर सुजान आ जाती है| संक्रमण होने पर पेशाब की नली में दर्द या पेट में दर्द का एहसास होता है|यहां पेशाब के अवरुद्ध होने का कारण बनता है| इससे पेशाब करने पर अत्यधिक जलन तथा दर्द होता है|
• किडनी को स्वस्थ रखने और रोगों से बचाने के लिए घरेलू उपाय
1.पर्याप्त मात्रा मे पानी पीना
किडनी को साफ रखने के लिए हमें पर्याप्त पानी पीना बहुत जरूरी है| ताकि यह अपशिष्ट तथा जहरीले पदार्थ को बाहर निकल सके और हमारी बॉडी को डिटॉक्स कर सके प्रतिदिन 7 से 8 गिलास पानी पीना चाहिए|
2. नींबू पानी पीना
निंबू पानी गुर्दे की पथरी को रोकने मे मदद करता है| क्योंकि निंबू मे साइट्रेट भरपूर मात्रा मे पाया जाता है|जो कैल्शियम को बनने से रोकता है क्योंकि गुर्दे की पथली कैल्शियम औक्जालेट की से बनी होती है|
3. तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्ते के सेवन से पेशाब मे आने वाले झाग काफी हद तक काम हो जाते हैं|तुलसी रक्त में यूरिक अम्ल के स्तर को भी काम करती है और गुर्दे की पथरी को भी तोड़कर निकालने में मदद करती है|
4. नारियल पानी
नरियल का पानी पेशाब की मात्रा बाड़ाने मे मदद करता है| बार-बार पेशाब करने से अतिरिक्त पथरी बनने वाले खनिज पदार्थ बाहर निकल जाते हैं| नारियल पानी में पोटेशियम पाया जाता है पोटेशियम शरीर के लिए वैसे तो जरूरी होता है लेकिन किडनी के मरीजों को इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए|
5. अनार का जूस
अनार में एंटीऑक्सीडेंट गुड पाए जाते हैं |जो किडनी के लिए फायदेमंद हो सकते हैं|अनार में पोटेशियम खाने से होता है| जो किडनी स्टोन को बनने से रोकने में मदद करता है| पोटेशियम के कारण अनार के जूस का प्रयोग सीमित मात्रा में या डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही करना चाहिए|
5. गिलोय
गिलोय का सेवन करना किडनी के लिए फायदेमंद हो सकता है|क्योंकि गिलोय में भरपूर औषधीय गुण होते हैं इसलिए इसे अमृता के नाम से भी जाना जाता है|गिलोय शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाता है सूजन को काम करता है| पाचन को दुरुस्त बनता है स्वसन तंत्र से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाता है सर्दी जुकाम से बचाता है|शरीर को डिटॉक्स करने में काफी मदद मिलती है|इसलिए यह किडनी के लिए काफी फायदेमंद होता है|लेकिन इसका सेवन सीमित समय तक या डॉक्टर के कहे अनुसार ही करना चाहिए वरना नुकसान भी हो सकते हैं|
6. गुड और सौंप का पानी
सौंप का कल या चाय गुर्दे से हानिकारक विषाक्त पदार्थ को निकलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है|जबकि गुड ऊर्जा और आयरन के स्रोत हैं|जो रक्त अल्पता में सहायक हो सकता है|लेकिन अच्छा का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए वह गुण अच्छी क्वालिटी का होना चाहिए|
7. हरी सब्जियों का सेवन
किडनी रोग में हरी सब्जियों का सेवन करना अत्यधिक आवश्यक है| इसमें ऐसी हरी सब्जी का सेवन करना चाहिए जिसमें भरपूर मात्रा में मिनरल से तथा विटामिन हो तथा उनमें पोटेशियम की कम मात्रा होनी चाहिए|जैसे प्याज गाजर कद्दू तोरई लौकी शिमला मिर्च फूलगोभी मूली आदि फायदेमंद हो सकती है|
8. कम नमक का use करना
किडनी रोग में सीमित मात्रा में नमक का प्रयोग करना चाहिए|
जब नमक का अधिक सेवन किया जाता है|तब सोडियम पोटैशियम का संतुलन बिगड़ सकता है|जिसके कारण गुर्दे पर काफी दबाव पड़ता है| क्योंकि हमारा ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है|
9. नियमित व्यायाम
पूरे शरीर को स्वस्थ रखने व हर एक अंग का संतुलन बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम व योगा तथा प्राणायाम करना बहुत ही आवश्यक है| अपितु इससे हमारी किडनी को ही नहीं शरीर के हर एक अंग को सुचारू रूप से चलाने में बहुत ही मदद मिलेगी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए कुछ योगा व व्यायाम|
• पैदल चलना
• साइकिल चलाना
• अनुलोम विलोम
• धनुरासन
• चक्रासन आदि
इन आसनों को शुरुआत में कम समय ही करना चाहिए या योग टीचर के देखरेख में करना चाहिए और सीखना चाहिए इसके बाद घर पर ही इसका नियमित अभ्यास करें|
10. नशीले वस्तु का सेवन न करें
नशीले पदार्थ हमारी body पर बहुत बुरे प्रभाब छोड़ते है| यह किडनी ही नहीं बल्कि शरीर के हर एक अंग को नुकसान पहुंचते हैं |जिससे व्यक्ति अल्प आयु में ही रोगों का शिकार हो सकता है |इसलिए नशीले पदार्थों के सेवन न करने से बॉडी भी स्वस्थ रहती है| और पैसों की भी हानि नहीं होती है|
• Conclusion
अगर आप इन सभी तरीकों को अपनाते हैं |तो किडनी स्वास्थ्य में अवश्य ही लाभ हो सकता है| और आप अपनी बीमारी से निजात पा सकते हैं| हम ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि आप सभी स्वस्थ और सुखी रहे| धन्यवाद
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