Erectile Disfunction क्या है, लक्षण, कारण और उपाय

आजकल  इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या काफी लोगों में देखने को मिल रही है वैसे तो यह बीमारी उम्र के साथ-साथ बढ़ती है| लेकिन आज के खान-पान तथा जीवन शैली के कारण इससे कुछ युवा भी प्रभावित हो रहे हैं तो आज हम इससे जुड़े सभी प्वाइंटों को विस्तार से कवर करेंगे|

Erectile Disfunction क्या है, लक्षण, कारण और उपाय


 विषय सूची

• इरेक्टाइल डिस्फंक्शन क्या है

• लक्षण

• कारण

• घरेलू उपाय

• मेडिकल ट्रीटमेंट

• कब डॉक्टर से मिलना चाहिए

Conclusion

FAQ

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन क्या होता है

आज हम इस लेख में बात करेंगे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के बारे में तो  सबसे पहले हम जानते हैं कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (नपुसंकता)होता क्या है| इरेक्टाइल डिस्फंक्शन बेसिकली पुरुषों में होने वाली यौन बीमारी है जिसकी वजह से पुरुष के लिंग यानी कि पेनिस में कठोरतापन या तनाव नहीं आ पाता है| तनाव इतना कम हो जाता है जिसकी वजह से वह अपने पार्टनर के साथ सेक्स नहीं कर पता है| यह रोग 40 से 70 वर्ष के पुरुषों में अधिक से अधिक पाया जाता है| लेकिन आजकल वह मरीज जो खास  यंग एडल्ट्स है जो अर्ली 30 और 20 की एज ग्रुप में उनमें भी यह मुख्य तौर पर पाया जा रहा है| अब इरेक्टाइल डिस्फंक्शन पर खास तौर पर चर्चा करने से पहले हमें सबसे पहले यह जानना होता है कि आखिर में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन  कैसे होता है|तो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन  होने के लिए बेसिकली हमारे शरीर में पांच इंर्पोटेंट सेंटर से जिनका आपस में सामान्य तरीके से काम करना बेहद जरूरी है यह सेंटर से हमारे brain से आने वाली नर्वस सिस्टम पेनिस में ब्लड ले जाने वाली आर्टिरीज उनसे वापस ब्लड ले जाने वाली nurve और पेनिस के अंदर स्थित  टिशु जिसमें ब्लड कलेक्ट होता है |इरेक्टाइल डिस्फंक्शन   साइकोजेनिक हो सकती है जिसकी वजह से फेंटेसी डेवलप नहीं हो पाती है या न्यूरोजेनिक की प्रॉब्लम हो या धमनियों में कोई प्रॉब्लम हो  सकती है आरटीओ  और साथ ही साथ स्पॉन्सल टिश्यू में अगर ट्रॉमा की वजह से कोई इंजरी हुई है तो तो इसकी बजह से भी यह समस्या हो सकती है| तो अब हम रिस्क फैक्टर की बात करें तो इसके जो रिस्क फैक्टर है बेसिकली जैसे मैंने बताया कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने की संभावनाएं बढ़ती जाती है| उसके साथ-साथ वह मरीज में डायबिटीज है हाइपरटेंशन है डिसेबिलिटी है या कोई डिजीज है जो अनकंट्रोल्ड है उनमें भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है| उसके साथ-साथ वह मरीज जो काफी मोटे हैं यानी कि ऑफिस है क्रॉनिक स्मोकिंग क्रॉनिक एल्कोहल इनटेक उसके साथ-साथ सेरेनिटी लाइफ स्टाइल  वह मरीज जो कि किसी कारणवश डिप्रेशन में है एंजायटी में है |



लक्षण

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन डिफरेंट तरीके से आ सकते हैं  जो पेनिस है लिंग जो है उसमें ब्लड का फ्लो इंक्रीज होने की वजह से टाइटनेस आती है या हार्डनेस आती है जिसको कि हम  इरेक्शन कहते हैं कुछ लोगों में डिफरेंट तरीके से प्रेजेंट करता है और कुछ और लोगों में किसी और तरीके से ही प्रेजेंट करता है 

1. इरेक्शन पाने में कठिनाई

तो प्रेजेंटेशन सबसे पहले यह पाया गया है कि मान लीजिए आप सेक्सुअल इंटरकोर्स की तरफ जा रहे हैं फोरप्ले कर रहे हैं लेकिन फोरप्ले के टाइम पर जो अपने पार्टनर से इंवॉल्व हो रहे हैं उसमें इरेक्शन बिल्कुल भी नहीं आ पाता है पेनिस हार्ड हो ही नहीं पता है|

2. इरेक्शन को बनाए रखने में समस्या

दूसरा रहता है कि जब आप फोरप्ले शुरू करते हैं स्टार्टिंग में पेनिस मैं इलेक्शन  आ जाती है लेकिन जब इंसर्ट करने का टाइम आता है जब सेक्स प्रॉपर करने का टाइम आता है उसे टाइम पर मेल में इरेक्शन का लॉस हो जाता है पेनिस सॉफ्ट हो जाता है हार्ड नहीं बचता है|

3. बार-बार असफल प्रयास

और कुछ लोगों में क्या होता है कि इरेक्शन आता भी है इंसर्ट भी हो पाती है पेनिस को अंदर इंसर्ट भी कर पाते हैं लेकिन इंसर्ट करने की इम्मीडिएटली बात या कुछ सेकेंड के बाद इरेक्शन खत्म हो जाता है तो इन तीनों ही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कहा जाता है 

4. चिंता,तनाव या कुछ गंदी आदतें और रोग

और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के बारे में इंपोर्टेंट चीज़ यह है कि इसका जो कोर्स है वह मेडिकल भी हो सकता है ऑर्गेनिक भी हो सकता है साइकोलॉजिकल भी हो सकता है ब्लड का फ्लो ठीक से होना जरूरी है नसों की फंक्शनिंग जरूरी है| सेक्सुअल डिजायर का होना जरूरी है और एक रिलैक्स स्टेट ऑफ माइंड का होना भी जरूरी है|किसी व्यक्ति के अंदर ब्लड का फ्लो कंप्रोमाइज है मान लीजिए उसको डायबिटीज है कई सालों से या हाइब्रिड प्रेशर की दिक्कत है या स्मोकिंग करते हैं तो इंसीसेस में ब्लड फ्लो और डिस्टर्ब हो सकता है| जिसकी वजह से इलेक्शन में दिक्कत आ सकती है|

 कारण

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे शारीरिक कारण तथा मानसिक और भावनात्मक कारण या अन्य कारण भी हो सकते हैं इनमें से कुछ कारण निम्न है

1. हृदय तथा रक्त वाहिकाओं की समस्या

हृदय विकार के कारण भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या उत्पन्न हो सकती है और रक्त वाहिकाओं में कमी आ जाने से ब्लड की सप्लाई में कमी देखने को मिलती है जिससे हमारी लिंग की नसों में ब्लड का फ्लो अच्छी तरह से नहीं हो पता है|

2. शुगर (मधुमेह) 

शुगर की मात्रा अधिक होने पर  blood का सुचारू रूप से प्रभाव नहीं हो पता है अधिक शुगर blood तथा नसों को काफी प्रभावित करता है इसके कारण भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या उत्पन्न हो सकती है|

3. हार्मोनो का असंतुलन

पुरुषों में पाए जाने वाला यौन हार्मोन टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो सकती है|पुरुषों में टेस्टोरोंन हार्मोन का सही मात्रा में होना बहुत ही आवश्यक है| क्योंकि इसी से अधिकतर पुरुषों की यौन क्रियाएं संपन्न होती हैं इसके अलावा थायराइड हार्मोन के असंतुलित हो जाने के कारण भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या उत्पन्न हो सकती है|

4. तंत्रिका तंत्र की बीमारियां

मस्तिष्क संबंधी विकार जैसे स्टॉक आदि के कारण भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है इसके कारण धमनियों में रक्त का फ्लो अवरुद्ध हो जाता है| जिसके कारण वाहिका फट भी सकती है स्टॉक मस्तिष्क के उस हिस्सों को प्रभावित करता है| जो यौन उत्तेजना को नियंत्रित करते हैं मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली नसों को नुकसान पहुंचा सकते हैं| जिससे लिंग में रक्त का प्रभाव बाधित हो जाता है इसके अलावा पार्टीशन रोग के कारण भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने की संभावना रहती है|

5. दवाइयां के साइड इफेक्ट

दवाओं के लंबे समय तक सेवन करने से भी यौन क्षमता कम होने लगती है| जैसे बीपी और शुगर की दवाएं लेने से हमारी बॉडी की नसों पर काफी अधिक दबाव पड़ता है और नसों में थोड़ा बदलाव आ जाता है और इसके अलावा कुछ दवाइयां बॉडी हार्मोन को असंतुलित कर देती हैं जिसके कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन हो सकता है| जैसे हाई ब्लड प्रेशर की दवाई डिप्रेशन की दवाई तथा हार्ट की दवाइयां भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या उत्पन्न कर सकती हैं|



6. नशे की आदत

अत्यधिक शराब का सेवन करने या धूम्रपान करने या कोई भी ड्रग लेने दुष्प्रभाव हमारे यौन अंगों पर भी पढ़ते हैं जिसके कारण ज्यादा नशा करने से हमारी वीर्य की मोटिलिटी तथा पावर काफी हद तक काम हो जाती है और इसके कारण शुक्राणु भी बहुत कम बनते हैं जिसकी वजह से पिता बनने का सौभाग्य तो काम हो सकता है साथ ही  इरेक्टाइल डिस्फंक्शन  के कारण भी बनते हैं|

6. मोटापा

आजकल मोटापा भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या का कारण हो सकता है|क्योंकि मोटापे के कारण हमारी धामनिया में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा जमा हो जाती है और यह धमनियों को काफी मोटा कर देती है|जिसके कारण ब्लड का फ्लो सही ढंग से नहीं हो और ब्लड की सप्लाई हमारे लिंग की नसों में पूरी तरह से नहीं हो पाती जिसके कारण रेप्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या का सामना करना पड़ सकता हैं|

7. लिंग की चोट या सर्जरी

Past मे लिंग मे कोई चोट लगने से पेनिस की नसों मे रक्त का संचार  अवरुद्ध यहां काम हो सकता है| जिसके कारण भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो सकती है| या आपने पहले कभी लिंग मे किसी प्रकार की सर्जरी करा रखी है तो भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या उत्पन्न हो सकती है|

8. तनाव, चिंता या डिप्रेशन

किसी काम को लेकर या अपने बिजनेस आदि समस्याओं के कारण य किसी व्यक्ति के दबाव या प्रेशर के कारण अधिक तनाव लेना और व्यक्ति अगर अपने पार्टनर के साथ बेडरूम में सेक्स के दौरान सफल न होने का डर अपने में मन में बना ले यह चिंता करें तो भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या देखने को मिलती है| यहां रिश्तो में तनाव तथा असंतोष जैसे किसी प्रकार का झगड़ा यहां पार्टनर के साथ एक दूसरे के प्रति  आव्यवहार की स्थिति के कारण या यहां किसी प्रकार की एंजायटी या डिप्रेशन के कारण भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो सकती है| और बहुत अधिक थकान या नींद की कमी के कारण भी यह समस्या देखने को मिल सकती है|

9. उम्र का बढ़ना

उम्र बढ़ाने के साथ-साथ यौन क्षमता भी कम होने लगती है| क्योंकि उम्र के साथ-साथ खून का प्रभाव और टेस्टोस्टेरोन का स्तर भी काम होता चला जाता है जिसके कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो सकती है|वैसे तो यह समस्या 40 से 70 उम्र के बीच देखने को मिलती है|

10. जीवन शैली

संतुलित आहार न खाने हमेशा जंक फूड पर निर्भर रहना यहां किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधि न करना जैसे व्यायाम आदि तो भी यह समस्या हो सकती है क्योंकि आज के समय बहुत से लोग पूरे दिन एक कुर्सी पर बैठकर कार्य करते हैं जिसके कारण उनका शरीर पूरी तरह से थक जाता है वह एक्टिव नहीं हो पता|

घरेलू उपाय

लहसुन (Gaarlic) 

 गार्लिक के अंदर एक कंपाउंड होता है जिसे एलिसन कहते हैं और यह जो एलिसन होता है|आपकी बॉडी के अंदर स्पेशली आपके अंदर चाहे तो आप मेल है चाहे आप फीमेल है आप दोनों के जनक के अंदर फीमेल जेनिटलिया मेल जेनिटलिया आप दोनों के जनन के अंदर ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ाने में काफी मदद करता है| और यदि आप गार्लिक को अपने रूटीन डाइट में ऐड करते हैं तो इससे आपको धीरे-धीरे अपनी सेक्स लाइफ में चेंज नजर आने लग जाएंगे ऐसा उम्मीद मत रखिएगा कि आज गार्लिक खaली और कल शेर जैसा बन जाऊंगा आपकी डाइट में जितने भी आप चेंज करते हैं वह धीरे-धीरे असर लेकर आते होते हैं |मगर इस इनफार्मेशन का इतना फायदा जरूर उठाइए कि आप अपनी रूटीन डाइट में शामिल कीजियेगा| कुछ लोग होते हैं सुबह खाली पेट का 1 या 2 कली खा कर  ऊपर से गुनगुना पानी पीना चाहते हैं| कुछ लोग अपने खाने में गार्लिक को ज्यादा ऐड करना चाहते हैं आपको जिस तरीके गार्लिक अच्छा लगता है   डाइट में गार्लिक ऐड कर लो और आपको इसके आने वाले 1 से 2 या 3 महीने में जरूर आपको इसके फायदे नजर आएंगे||

अदरक और शहद

हमारे पेनिस में  इरेक्सन आने के लिए नसों में रक्त का भरपूर संचार होना बहुत आवश्यक है अदरक ब्लड के फ्लो को सुचारु रूप से चलाने में मदद करता है| अदरक के सेवन से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाती है| अदरक के रस में शहद मिलाकर पीने से इस समस्या में काफी सुधार होता है|

प्याज

अगर आपको इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या है और आप कच्चा प्याज नहीं खाते हैं कच्चा प्याज जो होता है बह आपकी sex life को बेहतरीन करने के लिये इरेक्शन को बेहतर करने के लिए बहुत अच्छा साबित हो सकता है और यह टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बूस्ट करने में भी मदद करता है

कच्चे प्याज को आप सलाद के रूप मे खा सकते है और इसे दिन मे  2 से 3 खाना है| इससे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या काफी सुधार देखने को मिलेगा| 

अश्वगंधा

अश्वगंधा के रूट आते हैं और इन रूट में बेथानॉलिट नामक कंपाउंड होता है यह कंपाउंड लिंग में खून का बहाना बड़ा देता है अगर लिंग मे खून का बहना चालू हो गया तो naturally लिंग मे तनाव आ जाता है| अश्वगंधा का पाउडर रोज रात को सोते समय एक गिलास दूध में एक चम्मच का उसे कर सकते हैं| अश्वगंधा का प्रयोग डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही करना चाहिए क्योंकि यह गर्म होता है|

आहार

पालक, केल, और ब्रसेल्स स्प्राउट्स जैसे पत्तेदार साग नाइट्रेट्स से भरपूर होते हैं|जो शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाते हैं. 

बेरीज़ (ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी), अनार, और तरबूज जैसे फल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो रक्त वाहिकाओं को सुरक्षित रखते हैं|दालें, बीन्स, ब्राउन राइस, और साबुत गेहूं जैसे साबुत अनाज कम चीनी वाले होते हैं और फाइबर व पोषक तत्व प्रदान करते हैं|जो रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करते हैं|पिस्ता और अन्य मेवे और बीज स्वस्थ वसा और कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को नियंत्रित करने वाले पोषक तत्व प्रदान करते हैं|
 
जैतून का तेल और एवोकाडो जैसे स्वस्थ वसा वाले खाद्य पदार्थ हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं| 
सैल्मन और अन्य वसायुक्त मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जो नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाती हैं| इन सभी पोषक तत्वों से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या में काफी लाभ मिलता है|

जीवन शैली

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में स्वस्थ जीवन शैली के लिए किसी भी प्रकार का नशे आदि से बचें| नियमित व्यायाम करें और संतुलित आहार का सेवन करें यह सभी उपाय आपके रक्त संचार में सुधार करके इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या को ठीक करने में बहुत ही लाभदायक होंगे|

मेडिकल ट्रीटमेंट

 इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का आदमी की साइकोलॉजी के ऊपर बहुत बुरा असर पड़ता है|और उसके वैवाहिक जीवन के ऊपर भी बहुत गलत असर पड़ता है| इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कोई बीमारी को लेकर के दिमाग में किसी भी तरीके का बहम या सिग्मा होना गलत बात है| इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का इलाज बहुत इजीली दवाइयां से या फिर वेक्यूम थेरेपी से या फिर शॉप में थेरेपी से इंजेक्शन थेरेपी से या फिर पिनाइड प्रोसेस से किया जा सकता है| बीमारी का हर स्टेज पर इलाज पैसेंट के लिए अलग - अलग होता है| इसलिए उसके लिए अलग-अलग थेरेपी उसके लिए सुइटेड होती है| सिर्फ अपनी बीमारी के बारे में पता होना और सीधा केमिस्ट के पास जाकर आसानी से दवा ले लेना सही उपाय नहीं है| क्योंकि इन दवाइयां के भी अपने साइड इफेक्ट्स होते हैं इसलिए मैं चाहता हूं जिनको भी यह परेशानी है| अत एटलीस्ट एक बार किसी भी एक्सपर्ट यूरोलॉजिस्ट से मिलकर अपनी बीमारी के बारे में डिस्कस करें अपनी जांच कारण और उसके बाद अपनी बीमारी को लेकर एक इन्फॉर्म डिसीजन ले अंधाधुन दवाइयां किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है|

कब डॉक्टर से मिलना चाहिए

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या होने पर वैसे तो लोग ज्यादातर इस रोग के बारे में किसी से डिस्कस करने में हिचकिचाते हैं|अगर आपके पेनिस में लगातार दो या तीन महीने से अधिक समय तक इरेक्शन आने या बनाए रखने में कठिनाई हो रही है य  लिंग में किसी भी प्रकार का दर्द सूजापान हो या फिर पहले सब सामान्य था लेकिन अचानक से ही काम अच्छा में कमी आदि ऐसे लक्षण लगातार दिख  रहे हैं तो डॉक्टर से अवश्य ही मिलना चाहिए|

Conclusion

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या अगर ज्यादा दिनों से है तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है वह आपको टेक्निकल या साइकोलॉजिकल ट्वीट कर सकता है क्योंकि सही समय पर इलाज आपकी हेल्थ को बनाए रखना है और आपके पैसे भी बचाता है स्वस्थ रहने के लिए डेली व्यायाम तथा अच्छा खाना अवश्य खाएं|

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FAQ

Q. इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का क्या मतलब है? 

Ans. लिंग में तनाव नहीं आना

Q. इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए कौन सा फल सबसे अच्छा है? 

Ans. तरबूज

Q. पुरुष उत्तेजना के क्या लक्षण है? 

Ans. पेनिस में इरेक्शन

Q. बिना दवाई के इलेक्शन कैसे सुधारे? 

Ans. नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार से

Q. रेप्टाइल डिस्फंक्शन के लिए कौन सा हार्मोन जिम्मेदार है? 

Ans. टेस्टोस्टेरोन

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